
इरेक्टाइल डिसफंक्शन (नपुंसकता): अर्थ, लक्षण, कारण, और उपचार

इरेक्टाइल डिसफंक्शन एक ऐसी चिकित्सीय स्थिति है जो किसी दंपत्ति के प्रजनन जीवन को प्रभावित कर सकती है। यह समस्या पुरुष साथी को प्रभावित करती है, जिसमें यौन संबंध बनाने के लिए लिंग में इरेक्शन प्राप्त करने या बनाए रखने में असमर्थता होती है। इस समस्या के होने के कई कारण हो सकते हैं। प्रभावी उपचार के लिए सही निदान और उसके अनुसार इलाज निर्धारित करना अत्यंत आवश्यक है। इस समस्या को समझना और जांच प्रक्रियाओं की पूर्व जानकारी होना, डॉक्टर से अपॉइंटमेंट के लिए बेहतर तैयारी में मदद कर सकता है। इसलिए, नीचे स्क्रॉल करें और इरेक्टाइल डिसफंक्शन या पेनिस प्रॉब्लम इन हिंदी के बारे में अधिक जानें।
इरेक्टाइल [1] डिसफंक्शन क्या है?
आइए erectile dysfunction का meaning समझना शुरू करें। इरेक्टाइल डिसफंक्शन, जिसे नपुंसकता भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें पुरुष यौन संबंध बनाने के लिए पर्याप्त और लंबे समय तक लिंग में तनाव (erection) नहीं बना पाता। हालांकि कभी–कभार ऐसा होना सामान्य है, लेकिन यदि 50 प्रतिशत या उससे अधिक बार यह समस्या बनी रहती है, तो चिकित्सा हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के कारण शारीरिक हो सकते हैं, जैसे चोट लगना, रक्त वाहिकाओं पर प्रभाव, तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं या मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे। इसके अलावा, कुछ जीवनशैली की आदतें और कुछ दवाएं भी इस समस्या को जन्म दे सकती हैं। इरेक्टाइल डिसफंक्शन अन्य छिपी हुई समस्याओं का संकेत भी हो सकता है, इसलिए मरीज के लिए सही निदान करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लक्षण
इरेक्टाइल डिसफंक्शन से जुड़े लक्षण निम्नलिखित हैं:
- हर बार यौन संबंध के दौरान इरेक्शन न होना
- बहुत कम समय तक बना रहने वाला इरेक्शन, जिससे सही तरीके से यौन संबंध नहीं हो पाता
- यौन क्रिया के दौरान इरेक्शन बनाए रखने में असमर्थता
- इरेक्शन बनाए रखने के लिए अत्यधिक उत्तेजना की आवश्यकता होना
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के कारण
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के कई संभावित कारण हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं:
- इरेक्शन प्राप्त करने और बनाए रखने के लिए लिंग (penis) में उचित रक्त प्रवाह आवश्यक होता है। रक्त वाहिकाएं वाल्व के माध्यम से रक्त प्रवाह को नियंत्रित करती हैं। इन वाल्वों में समस्या होने पर रक्त की उपलब्धता प्रभावित हो सकती है, जिससे इरेक्शन में समस्या आ सकती है।
- उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, स्ट्रोक, मधुमेह (diabetes), एथेरोस्क्लेरोसिस, हृदय रोग, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, बढ़ा हुआ प्रोस्टेट या प्रोस्टेट कैंसर जैसे शारीरिक कारण इरेक्शन में बाधा डाल सकते हैं।
- तंबाकू, सिगरेट और शराब का सेवन, नींद की कमी जैसी गलत जीवनशैली की आदतें भी इरेक्शन को प्रभावित कर सकती हैं।
- मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और नसों से आने वाले नर्व इम्पल्स एक साथ मिलकर मांसपेशियों को शिथिल करते हैं। इस स्तर पर समन्वय में समस्या होने पर इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो सकता है।
- टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन का सही विकास और स्राव न होना भी उचित इरेक्शन उत्पन्न करने में बाधा डाल सकता है।
- पेनाइल फ्रैक्चर या पेल्विक बोन, मूत्राशय या प्रोस्टेट पर चोट लगना भी इसका एक कारण हो सकता है।
- दवाइयां, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं या भावनात्मक परेशानियां भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण बन सकती हैं।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन का निदान कैसे किया जाता है?
इरेक्टाइल डिसफंक्शन का निदान रोगी के मेडिकल और व्यक्तिगत इतिहास और शारीरिक जांच के माध्यम से किया जाता है। भले ही कुछ प्रश्न व्यक्तिगत या शर्मनाक लग सकते हैं, लेकिन याद रखें कि डॉक्टर का काम आपकी स्थिति का निदान करना और उसका इलाज करना है, न कि आपका मूल्यांकन करना। ईमानदारी से उत्तर देना आपके इलाज की प्रक्रिया को आसान और बेहतर बना सकता है। मेडिकल इतिहास में व्यक्तिगत, चिकित्सकीय और यौन जीवन से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं।
प्रश्न आधारित चिकित्सकीय जांच
इसमें निम्नलिखित प्रश्न शामिल हो सकते हैं:
- क्या आप अक्सर तनाव में रहते हैं?
- क्या आपको डिप्रेशन या एंग्जायटी (चिंता) का निदान हुआ है?
- क्या आप कोई दवाइयाँ लेते हैं जैसे कि डॉक्टर की पर्ची वाली, बिना पर्ची की, हर्बल या डाइटरी सप्लीमेंट्स, या नशीली दवाएं?
- क्या आपके रिश्तों में कोई समस्या है?
- आपके इरेक्शन (लिंगोत्थान) की अवधि और आवृत्ति क्या है?
- क्या शीघ्रपतन के कारण आप अपना इरेक्शन खो देते हैं?
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन का पहला लक्षण कब और किस स्थिति में देखा गया था?
- आप आमतौर पर कौन–कौन से यौन पोजिशन अपनाते हैं?
- क्या आपको सुबह या रात के समय नेचुरल इरेक्शन होता है?
परीक्षण आधारित चिकित्सकीय जांच
इसमें निम्नलिखित जांच शामिल हो सकती हैं:
- शारीरिक परीक्षण: लिंग और अंडकोष की जांच की जाती है जिससे नसों को हुए किसी संभावित नुकसान की पहचान की जा सके।
- ब्लड टेस्ट: डायबिटीज, हार्ट प्रॉब्लम, हार्मोनल असंतुलन या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान के लिए।
- यूरीन टेस्ट: मधुमेह या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान के लिए।
- अल्ट्रासाउंड: रक्त प्रवाह से जुड़ी समस्याओं की जांच के लिए।
- पेनाइल बायोथेसियोमीट्री: यह जांचता है कि लिंग की नसें वाइब्रेशन पर कैसी प्रतिक्रिया देती हैं।
- मेंटल हेल्थ एग्ज़ाम: मानसिक या भावनात्मक कारणों की पहचान के लिए।
- मैग्नेटिक रेजोनेंस एंजियोग्राफी (MRA): लिंग में रक्त संचार की जांच के लिए।
- नॉक्टर्नल पेनाइल ट्यूमेसेंस (NPT): नींद के दौरान होने वाले इरेक्शन की निगरानी करने के लिए।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के उपचार के विकल्प
इरेक्टाइल डिसफंक्शन का उपचार उसकी जड़ कारण पर निर्भर करता है। समग्र रूप से, इसके लिए विभिन्न विकल्प उपलब्ध हैं:
- तीव्र कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज: हल्के इरेक्टाइल डिसफंक्शन को उलटने के लिए सप्ताह में तीन बार कम से कम 45 मिनट तक कार्डियो वर्कआउट करें जैसे जॉगिंग, तेज चलना, साइक्लिंग, तैराकी और रस्सी कूदना।
- सेक्स थेरेपिस्ट से सेशन: मानसिक या भावनात्मक कारणों से होने वाले इरेक्टाइल डिसफंक्शन में लाभदायक।
- धूम्रपान छोड़ना: हल्के मामलों में कुछ महीनों में स्पष्ट सुधार देखने को मिलता है।
- मुंह से ली जाने वाली दवाएं: ये लिंग में रक्त प्रवाह बढ़ाकर एक घंटे के भीतर असर दिखाती हैं।
- टेस्टोस्टेरोन थेरेपी: यदि हार्मोन असंतुलन कारण हो तो इसकी थेरेपी दी जाती है।
- लो–इंटेंसिटी फोकस्ड शॉकवेव थेरेपी (LiSWT): यह एक गैर–सर्जिकल तकनीक है जो ध्वनि तरंगों की मदद से रक्त प्रवाह बढ़ाकर दो महीने में सुधार लाती है।
- पेनाइल इंजेक्शन: यह 10 मिनट के भीतर असर दिखाते हैं, और बेहद पतली सुई के कारण दर्द बहुत कम होता है।
- वैक्यूम इरेक्शन डिवाइस (Penis pump) का उपयोग: यह रक्त को लिंग में खींचकर इरेक्शन प्राप्त करने में मदद करता है।
- पेनाइल इम्प्लांट की सर्जरी: इसमें कठोरता बनाए रखने के लिए अर्ध–लचीली छड़ को शल्य चिकित्सा द्वारा लिंग में लगाया जाता है।
जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार
संतुलित आहार, स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली अपनाना, तथा धूम्रपान और शराब से दूर रहना, इरेक्शन बढ़ाने के घरेलु उपाय में से है। घरेलू उपायों पर पूरी तरह से सुरक्षा के लिहाज से शोध नहीं हुआ है और इनके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, इसलिए इनका सावधानीपूर्वक उपयोग करना चाहिए। कुछ इरेक्शन बढ़ाने के घरेलु उपाय जो इरेक्टाइल डिसफंक्शन को प्रबंधित करने में सहायक माने गए हैं, वे निम्नलिखित हैं:
- एल–आर्जिनीन (L-arginine) एक अमीनो एसिड है जो वासोडाइलेटर के रूप में कार्य करता है, जिससे लिंग में रक्त प्रवाह बढ़ता है और इरेक्शन में सहायता मिलती है।
- प्रोपियोनाइल–एल–कार्निटाइन (Propionyl-L-carnitine) जब सिल्डेनाफिल (sildenafil) नामक दवा के साथ उपयोग किया जाता है, तो यह स्थिति में बेहतर सुधार ला सकता है।
- गिंको बिलोबा (Ginkgo biloba) और जिनसेंग (Ginseng) को सामान्यतः इरेक्शन में मददगार माना जाता है।
- हॉर्नी गोट वीड (Horny goat weed) को प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए जाना जाता है।
- विटामिन D और जिंक की कमी को पूरा करना भी स्थिति में सुधार ला सकता है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन से बचाव के उपाय
इरेक्टाइल डिसफंक्शन को रोका जा सकता है यदि व्यक्ति स्वस्थ जीवनशैली अपनाए और मौजूदा स्वास्थ्य स्थितियों का सही प्रबंधन करे। रोगी निम्नलिखित उपाय कर सकता है:
- हृदय रोग, मधुमेह जैसी पुरानी बीमारियों का प्रबंधन करना।
- नियमित रूप से हेल्थ चेकअप और मेडिकल स्क्रीनिंग कराना, ताकि समय रहते किसी भी समस्या की पहचान हो सके।
- गुणवत्तापूर्ण नींद लेना।
- धूम्रपान, शराब और अवैध नशे की आदतें छोड़ना।
- सक्रिय रहना, स्वस्थ वजन बनाए रखना और नियमित रूप से व्यायाम करना।
- तनाव को नियंत्रित करना और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का चिकित्सकीय उपचार कराना।
निष्कर्ष
इरेक्टाइल डिसफंक्शन एक चिंताजनक स्थिति हो सकती है, लेकिन इसका इलाज संभव है और इसे प्रबंधित करने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं। इसके उपचार विकल्प इस बात पर निर्भर करते हैं कि समस्या का कारण क्या है। इसलिए, सही इलाज के लिए किसी योग्य चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श लेना आवश्यक होता है। हल्के लक्षणों को नियंत्रित करने या इससे बचाव सुनिश्चित करने के लिए, एक स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
FAQs
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के मुख्य कारण क्या हैं?
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के मुख्य कारण शारीरिक होते हैं, जैसे हृदय रोग, मोटापा, तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं। इसके अलावा, मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, खराब जीवनशैली, कुछ दवाएं, चोट लगना या पेनाइल फ्रैक्चर भी इसके संभावित कारण हो सकते हैं।
क्या इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज संभव है?
हाँ, इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज संभव है। हालांकि, इसके लिए सबसे पहले समस्या के मूल कारण का पता लगाना आवश्यक होता है, जिससे उचित उपचार पद्धति अपनाई जा सके।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन से बचने के लिए कौन से जीवनशैली परिवर्तन सहायक हैं?
ऐसे कई जीवनशैली परिवर्तन हैं जो इरेक्टाइल डिसफंक्शन से बचाव में मदद कर सकते हैं, जैसे सक्रिय रहना, संतुलित आहार लेना, प्रोसेस्ड और रिफाइंड खाद्य पदार्थों से बचना, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करना, धूम्रपान, शराब और नशे की आदतें छोड़ना।


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